हिंदी सिर्फ एक भाषा ही नहीं बल्कि हिन्दी के द्वारा भारत के लोग एक-दूसरे से काफी अच्छी तरह जुड़ सकते हैं और देश की तरक्की को एक नई ऊंचाइयों तक ले जा सकते हैं। लोगों का ऐसा मानना है कि हिंदी जाने बिना भी बहुत सारा काम हो सकता है, लेकिन भारत के लोग कभी भी अंग्रेजी को मुख्य भाषा के रुप में इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं। अंग्रेजी भारत में अंग्रेजों के द्वारा लाई गई है और अंग्रेजी कभी भी भारत के लोगों को अच्छी तरह समझ में नहीं आता है।
हिंदी का विकास भारत में सदियों पहले हो चुका था और यह भाषा भारत के जन मन में काफी पैठ बना चुका है। भारत के लोग बचपन से ही इसी भाषा का इस्तेमाल करते हैं। हिन्दी इतनी सरल भाषा है कि इसका इस्तेमाल करना बहुत आसान है। इस भाषा का ग्रामर भी काफी आसान होता है और इसका इस्तेमाल आसानी से किया जा सकता है। इस भाषा को सीखने के लिए बहुत ज्यादा किताब पढ़ने की जरूरत नहीं है।
भारत में हिंदी के बिना बहुत सारा काम नहीं हो सकता है क्योंकि यहां पर 70 से 80 प्रतिशत लोग अंग्रेजी नहीं जानते हैं। अगर उनसे संवाद करना हो तो हिंदी जानना ही पड़ता है। हिन्दी सीखने में ज्यादा प्रयास नहीं करना पड़ता है, यहां तक कि दक्षिण भारत के लोग भी हिंदी मूवी देखकर हिंदी सीख जाते हैं। यह एक ऐसी भाषा है जिसका इस्तेमाल गरीब, बड़े-छोटे सभी लोग आसानी से कर सकते हैं और इस भाषा में अपनी भावनाओं को अच्छी तरह व्यक्त कर सकते हैं।
भारत के ज्यादातर लोग की मातृभाषा हिंदी होने की वजह से उन्हें बोलने और समझने में कभी कष्ट नहीं होता है। बहुत सारे लोग बिना स्कूल गए भी बहुत अच्छी हिंदी बोल लेते हैं। हिन्दी में शब्दों की भरमार हैं। इस भाषा में भावनाओं का सही तरीके से व्यक्त किया जा सकता है। अगर लोगों को लगता है कि हिंदी का भविष्य अच्छा नहीं है तो ऐसा सोचना बिल्कुल गलत है। क्योंकि अभी अंग्रेजी की शिक्षा अच्छी नहीं है और बहुत सारे लोगों को अंग्रेजी में अभी भी तकलीफ होती है तो जब तक अंग्रेजी में तकलीफ बनी रहेगी, हिंदी का प्रचलन जारी रहेगा।